
चीन की फोन निर्माता कंपनी Xiaomi भारतीय उपभोक्ताओं का ब्राउजर डाटा चुराकर सिंगाुपर के रिमोट सर्वर को भेजती है.
शोधकर्ताओं का दावा है कि फोन निर्माता कंपनी Xiaomi सुरक्षित माने जाने वाले इनकॉग्नीटो मोड (Incognito Mode) में भी यूजर्स के डाटा पर नजर रख रही है.
कंपनी को पता है, आपने कितनी बार स्वाइप की है स्क्रीन
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई यूजर Xiaomi के डिफॉल्ट ब्राउजर के जरिये इंटरनेट यूज करता है तो कंपनी उसका पूरा ब्राउजर डाटा रिकॉर्ड करती है. यहां तक कि गूगल और यूजर्स की प्राइवेसी को ध्यान में रखकर बनाए गए सर्च इंजन डकडकगो (DuckDuckGo) पर पूछे गए सवाल तक रिकॉर्ड किए जाते हैं. इसके अलावा कंपनी के हैंडसेट में उपलब्ध कराए गए न्यूज फीड फीचर के जरिये देखी गई हर खबर की जानकारी भी इकट्ठी की जाती है. इसके अलावा हैंडसेट में यूजर ने कौन सा फोल्डर कितनी बार खोला इसका ब्योरा भी जुटाया जाता है. शायद आपको भरोसा ना हो, लेकिन ये कंपनी इसका भी ब्योरा अपने पास रखती है कि आपने अपने मोबाइल की स्क्रीन को कितनी बार स्वाइप किया है.

कंपनी के गूगल प्ले पर दिए गए एमआई ब्राउजर और मिंट ब्राउजर भी यूजर्स का यही डाटा इकट्ठा करते हैं.
गूगल ऐप पर उपलब्ध एमआई ब्राउजर भी चुरा रहा डाटा
शोधकर्ताओं का दावा है कि चीन की फोन निर्माता कंपनी भारतीय यूजर्स के स्टेटस बार और सेटिंग पेज तक का ब्योरा इकट्ठा कर अलीबाबा के सर्वर को ट्रांसमिट कर रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, Xiaomi का वेब डोमेन बीजिंग में रजिस्टर्ड है, लेकिन कंपनी यूजर्स का डाटा इकट्ठा करके सिंगापुर और रूस के रिमोट सर्वर को भेज देती है. इसके अलावा कंपनी के गूगल प्ले पर दिए गए एमआई ब्राउजर और मिंट ब्राउजर भी यूजर्स का यही डाटा इकट्ठा करते हैं. साइबर सिक्योरिटी शोधकर्ता गैबी सरलिग और एंड्रयू टर्नी के मुताबिक, अब तक लाखों भारतीय यूजर्स का डाटा चीन भेजा जा चुका है. सरलिंग कहते हैं कि निजता के उल्लंघन का गंभीर मामला है. हालांकि, कंपनी बार-बार खुद पर लगाए गए आरोपों को खारिज कर रही है.

कंपनी के एक प्रवक्ता ने डाटा जुटाने की बात स्वीकार की है. हालांकि, उसने कहा कि डाटा इकट्ठा करने के पहले यूजर्स से अनुमति ली जाती है.
कंपनी के प्रवक्ता ने माना, इकट्ठा कर रहे यूजर्स का डाटा
शोधकर्ताओं का कहना है कि भारतीय यूजर्स की पहचान और उनका निजी जीवन खुली किताब की तरह हो गया है. उनका दावा कि कंपनी ने डाटा चोरी करने के लिए रेडमी फोन में जानबूझकर ये खामियां रहने दी हैं. सरलिंग ने पाया कि ये खामी सिर्फ रेडमी नोट 8 में ही नहीं है, बल्कि कंपनी के सभी फोन में है. हालांकि, उन्होंने एमआई 10, रेडमी के 20 और एमआई मिक्स 3 में इस लूपहोल की पुष्टि की है. टर्नी ने शोध के दौरान पाया कि गूगल प्ले पर उपलब्ध कंपनी के एमआई ब्राउजर प्रो औरर एमआई ब्राउजर यूजर्स का यही डाटा चोरी कर रहे हैं. बता दें कि गूगल प्ले पर उपलब्ध डाटा के मुताबिक, इन दोनों ही ब्राउजर को अब तक 1.5 करोड बार डाउनलोड किया जा चुका है. कंपनी का कहना है कि शोध के सभी दावे झूठे हैंं. यूजर्स की निजता और सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है. हालांकि, कंपनी के एक प्रवक्ता ने डाटा जुटाने की बात स्वीकार की है. हालांकि, उसने कहा कि डाटा इकट्ठा करने के पहले यूजर्स से अनुमति ली जाती है.
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First published: May 3, 2020, 3:19 PM IST