लॉकडाउन के बीच सोशल मीडिया पर एक नया चैलेंज #nohairwash चल रहा है, बालों में शैम्पू-कंडीशनरन लगाने का। दुनियाभर से महिलाएं अपने बालों की तस्वीरें सोशल मीडिया अकाउंट पर डाल रही हैं। #nohairwash चैलेंज लेने वाली महिलाओं का दावा है, हफ्तों तक शैम्पू न लगाने के बाद भी बालों से न तो दुर्गंध आ रही है और न ही तेल में सने महसूस हो रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान बाजार बंद हैं चीजें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं इसलिए सोशल मीडिया पर कुदरती चीजों से बाल धोने केट्रिक्स और टिप्स शेयर किए जा रहे हैं।
4 हफ्तों तक बाल न धोकर शुरू किया चैलेंज
'नो हेयर वॉश' चैलेंज की शुरुआत 57 साल की सुसान्नह कॉन्सटेन्टिन ने की। हाल ही में सुसान्नह ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा, मैंने एक महीने से बालों में शैम्पू नहीं किया है। यह कोरोनावायरस से बचने के लिए नहीं किया है। इस चैलेंज का लक्ष्य शैम्पू या कंडीशनर की जगह बाल धोने के कुदरती- पारंपरिक तरीकों को आगे बढ़ाना है। जैसे विनेगर, अंडे से बालों की देखभाल करना।
वजह गिनाईं- शैम्पू का केमिकल स्कैल्प और बाल डैमेज करता है
सोशल मीडिया पर यूजर बालों की तस्वीर शेयर करते हुए लिख रहे हैं, शैम्पू में रसायन होते हैं, ये स्कैल्प और बालों को नुकसान पहुंचाते हैं। जबकि दूसरे तरीके समय भी बचाते हैं। ज्यादातर लोगों का मानना है कि इससे उनके बाल ज्यादा बेहतर दिख रहे हैं। इस चैलेंज में किम कर्दाशियां, अडील, जेसिका सिम्पसन जैसे सेलेब के फैंस भी शामिल हैं। उनका कहना है वे बालों को धोने की अवधि को बढ़ा रहे हैं।
सभी के लिए यह चैलेंज अच्छा नहीं
बालों की विशेषज्ञ ट्रिकोलॉजिस्ट कैरोल वॉकर का कहना है, शैम्पू न करने पर कुछ ही लोगों में इसका सकारात्मक असर दिख सकता है लेकिन दूसरे लोगों में यह स्किन प्रॉब्लम्स की वजह बन सकता है। कैरोल के मुताबिक, विनेगर, अंडे, ड्राय शैम्पू सालों में बालों को साफ करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। अगर किसी की स्कैल्प स्वस्थ है तो इन तरीकों का इस्तेमाल कर सकता है। ऐसा करने सेडैंड्रफ, एक्जिमा और डर्मेटाइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
महामारी के समय शैम्पू न करना कितना सुरक्षित है
एक हेयर ड्रेसर का कहना लॉकडाउन के दौरान हम बालों और स्किन को डिटॉक्स कर रहे हैं। डिटॉक्सिफिकेशन शरीर से विषैले पदार्थों को निकालने का एक तरीका है। कोरोना महामारी के दौरान शैम्पू न करना कितना सुरक्षित है? फिलहाल अब तक ऐसे प्रमाण नहीं मिले हैं जो साबित करें कि बालों से संक्रमण का खतरा हो।
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