
अपरा एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि का आरंभ: 17 मई 2020 को 12:44 बजे
एकादशी तिथि का समापन: 18 मई 2020 को 15:08 बजे
अपरा एकादशी पारण समय: 19 मई 2020 को सुबह 05:27:52 से 08:11:49 बजे तक
कुल अवधि: 2 घंटे 43 मिनट
Apara Ekadashi 2020 : 18 मई को अपरा एकादशी | अपरा एकादशी मुहूर्त | अपरा एकादशी पूजा विधि | Boldsky

अपरा एकादशी दिन व्रती बरते ये सावधानियां
अपरा एकादशी के दिन विशेष रूप से व्रत करने वाले जातक को देर तक नहीं सोना चाहिए।
इस दिन घर पर तामसिक भोजन (मांसाहार) न पकाएं और न ही सेवन करें।
अपने भोजन में लहसुन, प्याज का इस्तेमाल न करें।
एकादशी के दिन घर में चावल न बनाएं। आप द्वादशी के दिन चावल ग्रहण कर सकते हैं।

जरूर जानें अपरा एकादशी की व्रत कथा-
अपरा एकादशी की व्रत कथा के अनुसार महीध्वज नाम के एक धर्मात्मा राजा थे। राजा के छोटे भाई का नाम वज्रध्वज था और वो अपने ज्येष्ठ भाई से ईर्ष्या करता था। वज्रध्वज ने एक दिन मौका पाकर राजा की हत्या कर दी। इतना ही नहीं, उसने जंगल में एक पीपल के नीचे शव को गाड़ दिया। असमय मृत्यु होने की वजह से राजा की आत्मा प्रेत बनकर उस पीपल के पेड़ पर ही रहने लगी। राजा की आत्मा उस रास्ते से गुजरने वाले लोगों को परेशान करती थी। एक दिन एक ऋषि उसी मार्ग से गुजरे और उन्होंने अपने तपोबल से उनके प्रेत बनने का कारण जान लिया।
उन ऋषि ने राजा की प्रेत आत्मा को पीपल के पेड़ से नीचे उतारा और उन्हें परलोक विद्या का उपदेश दिया। ऋषि ने स्वयं अपरा एकादशी का व्रत रखा ताकि राजा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल सके। द्वादशी के दिन व्रत पूरा हुआ और एकादशी व्रत का पुण्य ऋषि ने राजा के प्रेत को दे दिया। इस तरह राजा को मुक्ति मिली और वो स्वर्ग की यात्रा के लिए निकल पड़े।