कोरोना के बाद जिस तरह से काम के बदलाव में संकेत मिल रहे हैं, उसके बाद ज्यादातर आईटी कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के मॉडल पर काम कर रही हैं।

कोरोना वायरस के चलते दुनिया में बदलाव की कहानी शुरू हो चुकी है। भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विस 2025 तक वर्क फ्रॉम होम के प्लान पर काम कर रही है। कंपनी के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार कंपनी अगले पांच साल तक कुछ इस तरह प्लान करेगी कि उसके सिर्फ 25 प्रतिशत कर्मचारी ही दफ्तर में मौजूद हों। बाकी 75 फीसदी कर्मचारी घर से काम करें। मौजूदा वक्त में सभी आईटी कंपनियों को मिलाकर करीब 90 फीसदी कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। और कोरोना के बाद जिस तरह से काम के बदलाव में संकेत मिल रहे हैं, उसके बाद ज्यादातर आईटी कंपनियां वर्क फ्रॉम होम के मॉडल पर काम कर रही हैं।
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टीसीएस में इस समय करीब साढ़े चार लाख कर्मचारी हैं। कंपनी के करीब 93 प्रतिशत कर्मचारी घर बैठकर ग्लोबली अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार वह कर्मचारियों और उनके काम के मुताबिक भविष्य का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करेंगे।
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भारतीय सॉफ्टवेयर लॉबी नैस्कॉम भी यही मानती है कि कोरोना जैसी महामारी ने दुनियाभर की आईटी कंपनियों को सोचने पर मजबूर किया है कि वे भविष्य में वर्क फ्रॉम होम का कॉन्सेप्ट तैयार करना कितना जरूरी है। इसलिए आईटी कंपनियों ने इस योजना पर विचार करना शुरू कर दिया है।