- ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने कहा- चीन ने शुरुआती दौर में जिस तरह वायरस से निपटने की कोशिश की, उसकी समीक्षा की जानी चाहिए
- अमेरिका के विदेश मंत्री ने कहा था- चीन अगर जांच में मदद करना चाहता है तो उसे वैज्ञानिकों के लिए अपने दरवाजे खोल देने चाहिए
- ब्रिटेन में कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन की मियाद तीन हफ्ते और बढ़ाई, विदेश मंत्री ने इसकी घोषणा की
दैनिक भास्कर
Apr 17, 2020, 08:15 AM IST
वॉशिंगटन. अमेरिका के बाद फ्रांस और ब्रिटेन ने भी कोरोनावायरस से जुड़ी जानकारी छुपाने के लिए चीन को आड़े हाथों लिया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा कि महामारी से निपटने के लिए चीन ने जो तरीके अपनाए, वह संदेह पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वहां साफ तौर पर ऐसी चीजें हुईं हैं, जिसका हमें नहीं पता है। इधर, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने भी कहा कि चीन ने शुरुआती दौर में जिस तरह वायरस से निपटने की कोशिश की, उसकी गहरी समीक्षा की जानी चाहिए। ब्रिटेन सरकार को चीन से जरूर कड़े सवाल पूछने चाहिए कि आखिर कैसे यह महामारी सामने आई।
इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने चीन के शीर्ष राजनयिक से फोन पर बात की थी। इस दौरान उन्होंने चीन से कोरोनावायरस की उत्पत्ति और उसके फैलने से जुड़ी जानकारी देने में पारदर्शिता बरतने की मांग की। पॉम्पियो के मुताबिक, चीन कह रहा है कि वह सहयोग करना चाहता है। इसका सबसे अच्छा तरीका यही हो सकता है कि वह दुनिया के वैज्ञानिकों के लिए अपने दरवाजे खोल दे। ताकि वह यह पता लगा सकें कि आखिर यह वायरस कैसे अस्तित्व में आया और कैसे इसके फैलने की शुरुआत हुई। इस वायरस से अब तक एक लाख 44 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है। राहत की बात ये कि इसी दौरान पांच लाख 46 हजार से ज्यादा मरीज स्वस्थ भी हुए।
जहां संक्रमण कम और टेस्टिंग की अच्छी सुविधा वहां स्कूल और बिजनेस शुरू होंगे: ट्रम्प
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को अलग-अलग राज्यों के गवर्नरों से हुई बातचीत के बाद लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग में रियायत देने की योजना का खुलासा किया। इसके लिए नई गाइडलाइन बनाई गई है। इसके मुताबिक, उन इलाकों में प्रतिबंधों में धीरे-धीरे ढील दी जाएगी। जहां संक्रमण के मामले कम हैं जबकि जहां ज्यादा मरीज मिल रहे हैं, वहां प्रतिबंध पहले की तरह लागू रहेंगे।
ट्रम्प की योजना के मुताबिक, जिन राज्यों में संक्रमण की दर कम हो रही है और टेस्टिंग की अच्छी सुविधाएं हैं वहां तीन चरणों में स्कूलों और बिजनेस को खोलने की शुरुआत होगी। हर चरण 14 दिन का होगा। इस दौरान यह जांचा जाएगा कि कहीं उस इलाके में संक्रमण की रफ्तार दोबारा तो नहीं बढ़ रही। जिन लोगों को पहले से ही सांस की बीमारियां हैं, उन्हें अंतिम चरण तक घर में रहने के लिए कहा जाएगा।
इटली की मदद न कर पाने के लिए यूरोप को उससे माफी मांगनी चाहिए: यूरोपियन यूनियन
यूरोपियन कमीशन की प्रमुख उर्सुला वान डर लेयन ने गुरुवार को कहा कि वक्त पर इटली की मदद न कर पाने के लिए यूरोप को उससे माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने यूरोपियन संसद में यह बात कही। लेयन ने आगे कहा कि महामारी से पार पाने के लिए सच की जरूरत है। इसमें राजनीतिक ईमानदारी भी शामिल है। जब इटली को शुरुआत में मदद की जरूरत थी, तब यूरोप के कई देश मदद के लिए आगे नहीं आए। यह माफी मांगने का सही समय है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि अब हालात बदल गए हैं। यूरोपीय देश एकदूसरे की मदद कर रहे हैं। जर्मनी ने स्पेन को वेंटिलेटर भेजे हैं। वहीं, चेक रिपब्लिक ने फ्रांस के कोरोना पीड़ितों के लिए अपने अस्पताल खोल दिए हैं। इसके अलावा पोलैंड और रोमानिया के डॉक्टर इटली में जाकर मरीजों की जान बचा रहे हैं।
यूरोप में सबसे ज्यादा मौतें इटली में हुईं
यूरोप में कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें इटली में ही हुई हैं। यहां अब तक 22 हजार से ज्यादा लोग दम तोड़ चुके हैं। वहीं, संक्रमितों की संख्या भी 1 लाख 68 हजार से ज्यादा है। यूरोप में सिर्फ स्पेन(182,816) ही इस मामले में उससे आगे है। फ्रांस में संक्रमितों की संख्या 1 लाख 47 हजार से ज्यादा है जबकि मृतकों का आंकड़ा 17 हजार 167 है।
दुनिया के 53 देशों में 3 हजार से ज्यादा भारतीय कोरोना संक्रमित
कोरोनावायरस से दुनिया के अलग-अलग देशों में रह रहे भारतीय भी प्रभावित हैं। जानकारी के मुताबिक, 53 देश में 3 हजार 336 भारतीय इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। कुवैत में इनकी संख्या सबसे ज्यादा 785 है। इसके अलावा सिंगापुर(634), कतर(420), ईरान(308), ओमान(297), यूएई(238), सऊदी अरब(186), बहरीन(135), इटली(91), मलेशिया(37), पुर्तगाल(36), घाना(29), अमेरिका(24), स्विटजरलैंड (15) और फ्रांस में 13 भारतीय इससे संक्रमित हैं।
न्यूयॉर्क में 15 मई तक लॉकडाउन बढ़ा
न्यूयॉर्क में 15 मई तक लॉकडाउन रहेगा। गवर्नर एंड्रयू कूमो ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमने कोरोना पर काबू पा लिया है। संक्रमण की दर में गिरावट देखी जा रही है। इसके बावजूद हम एहतियात बरतेंगे और वायरस न फैले इसलिए कड़ाई से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। कूमो ने कहा कि अकेले न्यूयॉर्क में कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा और मिशीगन से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए गए हैं। हमने बीते एक महीने में करीब 5 लाख टेस्ट किए हैं।
मिशिगन में लॉकडाउन का विरोध, हजारों लोग सड़कों पर उतरे
अमेरिका के मिशिगन में लॉकडाउन के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए। इन लोगों ने लॉकडाउन का विरोध किया। मिशिगन कंजर्वेटिव कोलिशन ने लोगों से सड़कों पर आने की अपील की थी। संगठन ने इस प्रदर्शन को ऑपरेश ग्रिडलॉक नाम दिया था। दरअसल, मिशिगन के गवर्नर ग्रेचेन व्हिमर ने लोगों को 30 अप्रैल तक घरों से बाहर नहीं निकलने और दुकानें, कारखाने बंद रखने का आदेश दिया है। लोगों ने गवर्नर के खिलाफ पोस्टर लहराकर कहा- गवर्नर व्हिमर हम कैदी नहीं हैं। इस पर उन्होंने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन ने लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया।
कोरोनावायरस : सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
देश | कितने संक्रमित | कितनी मौतें | कितने ठीक हुए |
अमेरिका | 6 लाख 74 हजार 585 | 34 हजार 458 | 57 हजार 232 |
स्पेन | 1 लाख 82 हजार 816 | 19 हजार 130 | 74 हजार 797 |
इटली | 1 लाख 68 हजार 941 | 22 हजार 170 | 40 हजार 164 |
फ्रांस | 1 लाख 65 हजार 027 | 17 हजार 920 | 32 हजार 812 |
जर्मनी | 1 लाख 36 हजार 569 | 3 हजार 943 | 77 हजार |
ब्रिटेन | 1 लाख 3 हजार 093 | 13 हजार 729 | उपलब्ध नहीं |
चीन | 82 हजार 341 | 3 हजार 342 | 77 हजार 892 |
ईरान | 77 हजार 995 | 4 हजार 869 | 52 हजार 229 |
तुर्की | 69 हजार 392 | 1 हजार 518 | 5 हजार 674 |
बेल्जियम | 34 हजार 809 | 4 हजार 857 | 7 हजार 562 |
ब्रिटेन में लॉकडाउन की मियाद 3 हफ्ते और बढ़ी
ब्रिटेन में कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार ने लॉकडाउन की मियाद तीन हफ्ते और बढ़ा दी है। यहां 25 दिन पहले लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। इसमें से 21 दिन तो प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन अस्पताल और आइसोलेशन में ही रहे। फिलहाल वे स्वस्थ हो रहे हैं। देश में अब कोरोना संक्रमितों की संख्या 1 लाख से ज्यादा हो गई है। यहां 3 लाख 27 हजार 608 लोगों के कोरोना टेस्ट हुए। इसमें से 1 लाख 3 हजार से ज्यादा पॉजिटिव पाए गए हैं। यूके के अस्पतालों में अब तक 13 हजार 729 लोगों ने इस वाय़रस की वजह से दम तोड़ा है।
रूस में गुरुवार को 3 हजार से ज्यादा नए केस
रूस में भी कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। गुरुवार को यहां 3 हजार 448 नए मामले सामने आए। एक दिन पहले यहां 3 हजार 388 नए मरीज मिले थे। इसके साथ ही देश में संक्रमितों की संख्या 27 हजार 938 हो गई है। बीते 24 घंटे में यहां 34 लोगों की मौत हुई है। इस बीच, रूस ने कहा कि वे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मदद की पेशकश को मंजूर करेंगे। ट्रम्प ने रूस में वेंटिलेटर भेजने को कहा था। इससे पहले, रूस ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और ट्रम्प के बीच हुई बातचीत के बाद अमेरिका को वेंटिलेटर के साथ प्रोटेक्टिव सूट भेजे थे।
अमेरिका: 4 हफ्ते में 2.2 करोड़ लोगों ने नौकरी गंवाई
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बीते 4 हफ्ते में करीब 2.2 करोड़ अमेरिकी अपनी नौकरी गंवा चुके हैं। लेबर डिपार्टमेंट ने गुरुवार को बताया कि और 52 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन दिया है। कोरोना संकट से पहले 1992 में 4 हफ्ते के दौरान करीब 27 लाख लोगों ने बेरोजगारी भत्ते के लिए आवेदन किया था। इधऱ, जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, अमेरिका में 24 घंटे में 2,600 लोगों ने दम तोड़ा है। यहां अब तक 30 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बीबीसी के मुताबिक, ट्रम्प ने व्हाइट में मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा- डब्ल्यूएचओ का फंड रोके जाने की आलोचना की गई। दूसरे देशों ने संगठन का साथ दिया और उस पर भरोसा जाताया। किसी और देश ने कोई पाबंदी नहीं लगाई। सभी जानते हैं कि इटली, स्पेन और फ्रांस में क्या हुआ। संगठन से गलती हुई है और शायद इसे वे जानते हैं।
- ट्रम्प ने कहा- अगर रूस को कोरोनावायरस मरीजों के उपचार के लिए वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है वह उसकी मदद करेगा। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि रूस को वेंटिलेटर की जरूरत है। वे कठिन समय से गुजर रहे हैं। हम उनकी मदद करने जा रहे हैं।
- उन्होंने कहा- अमेरिका में जल्द ही वेंटिलेटर का भंडार होगा, जो अन्य देशों की जरूरतों को पूरा करेगा।” ट्रम्प ने कहा- हम अन्य राष्ट्रों की मदद करेंगे। हम इटली, स्पेन, फ्रांस, अन्य राष्ट्रों की मदद करने जा रहे हैं। कोरोना का प्रकोप झेल रहे अमेरिका के लिए रूस ने चिकित्सा आपूर्ति का एक प्लैनलोड भेजा है।
- जॉर्जिया पावर ने सीएनएन को बताया कि वेनबोरो में एक निर्माण स्थल पर 42 वर्कर कोरोनो पॉजिटिव मिले हैं। 57 अन्य कर्मचारियों के रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के मुताबिक, जॉर्जिया में 552 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 हजार 987 मामले सामने आए हैं।

‘100 से ज्यादा देशों ने इमरजेंसी फंड मांगा’
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने बुधवार को कहा- हमें अप्रत्याशित ढंग से 100 से ज्यादा देशों से इमरजेंसी फंडिंग के लिए कॉल आ रहे हैं। हम इसका जवाब दे रहे हैं। हमने अपनी आपतकालीन सुविधाओं की पहुंच दोगुनी कर दी है। इससे हम 100 बिलियन डॉलर की वित्तीय मदद की मांग को पूरा कर पाएंगे। आईएमएफ के सदस्य जरूरतमंद देशों को फंड मुहैया कराने पर चर्चा करेगा। उन्होंने कहा कि वास्तविकता यही है कि वायरस के खिलाफ यह सबकी लड़ाई है। हमें इस समय वैश्विक सौहार्द के साथ मिलकर काम करना होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समन्वित ढंग से कोशिश करनी होगी।

इमरान खान ने अपने स्वास्थ्य सलाहकार को फटकार लगाई
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई में सरकार का पक्ष ठीक ढंग से नहीं रखने के लिए अपने स्वास्थ्य सलाहकार को फटकार लगाई है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट कोरोनावायरस से निपटने के इमरान सरकार की कोशिशों से नाखुश है। देश में गुरुवार को संक्रमितों की संख्या 6 हजार 500 के पार पहुंच गई।
जापान ने पूरे देश में इमरजेंसी की घोषणा की
जापान ने कोरोना की वजह से पूरे देश में इमरजेंसी लागू करने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने गुरुवार को मेडिकल एक्सपर्ट की बैठक बुलाई थी। इसके बाद इमरजेंसी को सात राज्यों से बढ़ाकर पूरे देश में लगाने का फैसला किया। जापान में 488 नए मामले सामने आए हैं और 17 मौतें हुई हैं। यहां अब तक 148 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 12 मामले डायमंड प्रिंसेज शिप के हैं।
फ्रांस में लगातार आठवें दिन आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या घटी
फ्रांस में गुरुवार को कोरोनावायरस से 753 और लोगों की मौत हो गई। इसके साथ यहां मृतकों की संख्या 17 हजार 920 हो गई। अमेरिका, इटली और स्पेन के बाद सबसे ज्यादा मौतें यहीं हुईं हैं। हालांकि, अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में दूसरे दिन भी गिरावट दर्ज की गई। देश की पब्लिक हेल्थ अथॉरिटी के प्रमुख जेरोम सालोमन ने बताया कि लगातार आठवें दिन आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या कम हुई है। फिलहाल, 6 हजार 248 लोग भर्ती हैं।
इटली: संक्रमण और मौतों में कमी
इटली में कोरोनोवायरस से होने वाली मौतों और संक्रमण के मामलों में बुधवार को फिर से गिरावट आई। यहां 24 घंटे में 578 लोगों की मौत हुई है और 2,667 संक्रमित हुए हैं। देश में संक्रमण के अब तक 1 लाख 65 हजार 155 मामले हो चुके हैं, जबकि 21,645 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा लोगों की जान यहां गई है।

स्पेन: मौतों का आंकड़ा 19 हजार 130 हुआ
स्पेन में अब तक 19 हजार 130 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं, एक लाख 82 हजार 816 संक्रमित हैं। सरकार ने यहां लॉकडाउन नियमों में थोड़ी ढील दी है। कुछ व्यवसायों को फिर से शुरू किया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिल सके। इस बीच, स्पेन ने रोज हो रही कोरोना जांच की संख्या को 20 हजार से बढ़ाकर 40 हजार कर दिया है। देश के हेल्थ इमरजेंसी डायरेक्टर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि देश में संक्रमितों की संख्या इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि हमने टेस्टिंग का दायरा बढ़ा दिया है।

कनाडा: लॉकडाउन जारी रहेगा
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि देश में लॉकडाउन अगले कुछ हफ्तों तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा- अगर हम लॉकडाउन जल्दी खोलते हैं तो जो भी हम अभी कर रहे हैं, वह नहीं हो पाएगा। कनाडा में अब तक 28 हजार 379 केस सामने आ चुके हैं, जबकि 1,010 मौत हो चुकी है। यहां अमेरिका और यूरोपीय देशों की तुलना में कम मौतें हुई हैं। लेकिन, ट्रूडो ने कहा कि इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि यहां से प्रतिबंध जल्दी हटा दिए जाएं। कम से कम 1 मई तक तो बिल्कुल नहीं।

जर्मनी: पाबंदियों में ढील दी जाएगी
बीबीसी के मुताबिक, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने घोषणा की है कि कोरोनावायरस को लेकर लगाई गई पाबंदियां अब धीरे-धीरे खत्म की जाएगी। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन तीन मई तक किया जाएगा। उन्होंने लोगों से दुकानों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मास्क पहनने की अपील की। अगले हफ्ते से कुछ दुकानें खोल दी जाएंगी। स्कूलें भी चार मई से खोलने शुरू किए जाएंगे।

सिंगापुर: 447 नए मामले सामने आए
सिंगापुर में बीते 24 घंटे में कोरोना के 728 नए मामले सामने आए हैं। यह एक दिन में पॉजिटव मरीजों की सबसे बड़ी संख्या है। बुधवार को भी 447 नए मरीज मिले थे। 1 दिन के अंदर ही यहां संक्रमितों की संख्या में 63 फीसदी का इजाफा हुआ है। अब देश में 4 हजार 427 मामले हो गए हैं। कोरोना की रोकथाम के लिए सिंगापुर ने जो कदम उठाए हैं, उसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी तारीफ की है।