Maitreya, a Buddhist monk meditating alone in Britain’s most beautiful park, said – Coronavirus nature warning to humans | ब्रिटेन के सबसे खूबसूरत पार्क में अकेले ध्यान कर रहे बौद्ध भिक्षु मैत्रेय, बोले- कोरोनावायरस इंसानों को प्रकृति की चेतावनी
50 साल से ध्यान कर रहे भिक्षु मैत्रेय कहते हैं कोरोनावायरस इंसानों को प्रकृति की चेतावनी है क्योंकि वह उसके साथ खिलवाड़ कर रहा है
2 एकड़ में फैले बगीचे में अकेले रह रहे मैत्रेय के मुताबिक, लॉकडाउन में लोग इस खूबसूरती से दूर हो गए लेकिन मैं तो स्वर्ग में हूं
दैनिक भास्कर
Apr 25, 2020, 02:35 PM IST
नॉटिंघमशायर. ब्रिटेन के नॉटिंघमशायर में स्वर्ग की तरह दिखने वाला एक बेहद खूबसूरत बगीचा है। इसे तैयार करने वाले जापानी बौद्धभिक्षु मैत्रेय तो यही मानते हैं। 79 साल के मैत्रेय पिछले 50 साल से ध्यान साधना कर रहे हैं और 40 साल तो सिर्फ बगीचे को तैयार करने में लगा दिए, इसलिए इसे वह स्वर्ग कहते हैं।
लॉकडाउन के कारण लोग यहां घूमने नहीं आ रहे हैं। 2 एकड़ में फैले बगीचे में मैत्रेय इस समय अकेले हैं, उनका कहना है कोरोनावायरस इंसानों के लिए एक चेतावनी है। यह बेहद दुखद है कि लोग शांति और खूबसूरती को देख नहीं पा रहे लेकिन मैं खुश हूं क्योंकि मैं स्वर्ग में हूं।
पिछले 40 सालों में मैत्रेय ने बगीचे को तैयार किया है। इसका नाम प्योर लैंड मेडिटेशन सेंटर है, इसे जापानी गार्डन के नाम भी जाना जाता है। कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन में इसे बंद किया गया है।मैत्रेय कहते हैं, लगातार 40 साल की मेहनत के बाद बगीचा बेहद खूबसूरत दिखने लगा है। इसका हर हिस्सा इंसान और कुदरत के बीच एक अटूट रिश्ते की कहानी कहता है।मैत्रेय के मुताबिक, इस समय यहां बगीचे की खूबसूरती देखने सैकड़ों लोग पहुंचते हैं, लेकिन अब ये सब सुनसान है, लेकिन मैं खुश हूं क्योंकि मैं स्वर्ग में हूं। मैत्रेय का जन्म जापान के कोजी ताकेउची में हुआ था। इनका मानना है कि इंसान प्रकृति से खिलवाड़ रहा है इसलिए कोरोनावायरस इंसानों के लिए प्रकृति की एक चेतावनी है। मैं देख रहा हूं कि प्रकृति संदेश दे रही कि हमें अपने जीने का तरीका बदलने की जरूरत है। मैत्रेय कहते हैं कि इंसानों ने जिस तरह की सभ्यता विकसित की है उससे दुनियाभर में समृद्धि और धन तो बढ़ा है लेकिन एक बड़ी कीमत भी चुकाई है, वो है शोषण, पर्यावरण की तबाही और प्रकृति का विनाश।