- इनमें सबसे अधिक राेगी हाइपरटेंशन, माेटापे और डायबिटीज के थे, 21% मरीजों की इलाज के दौरान माैत हाे गई थी
- शाेधकर्ताओं ने अस्पताल छाेड़ चुके यानी मृत घाेषित या स्वस्थ हाेकर लाैटे 2,634 मरीजाें के आंकड़ाें का अध्ययन किया
दैनिक भास्कर
Apr 24, 2020, 06:13 AM IST
न्यूयाॅर्क. न्यूयॉर्क शहर अमेरिका का हाॅटस्पाॅट बना हुआ है। यहां पाॅजिटिव हाेकर अस्पताल में भर्ती हुए मरीजाें में लगभग हर व्यक्ति काे एक से अधिक बीमारी थी। इनमें 53% काे हाइपरटेंशन, ताे 41% को मोटापे की समस्या थी। अमेरिकन मेडिकल एसाेसिएशन के जर्नल में प्रकाशित ताजा रिसर्च के मुताबिक, शाेधकर्ता काेराेनावायरस से पाॅजिटिव हाेकर अस्पताल पहुंचे मरीजाें के बारे में जानना चाहते थे। शाेधकर्ताओं ने ऐसे 5,700 लाेगाें का इलेक्ट्राॅनिक हेल्थ रिकाॅर्ड जांचा। इससे पता चला कि काेराेना पाॅजिटिव मरीजाें की औसत उम्र 63 वर्ष थी और इनमें से 94% काे एक न एक बीमारी पहले से थी। इनमें सबसे अधिक राेगी हाइपरटेंशन (लगभग 53% मरीज), माेटापे (लगभाग 42% मरीज) और डायबिटीज (लगभग 32% मरीज) के थे।
वेंटिलेटर पर रखे मरीजाें के ठीक हाेने का प्रतिशत बहुत कम रहा
शाेधकर्ताओं ने अस्पताल छाेड़ चुके यानी मृत घाेषित या स्वस्थ हाेकर लाैटे 2,634 मरीजाें के आंकड़ाें का अध्ययन किया। इसके मुताबिक, 14% का इलाज आईसीयू में किया गया जबकि 12% काे वेंटिलेटर पर रखा गया और 3% की किडनी रिप्लेसमेंट थेरेपी की गई। इनमें 21% की माैत हाे गई। वेंटिलेटर पर रखे मरीजाें के ठीक हाेने का प्रतिशत बहुत कम रहा। यानी कि वेंटिलेटर पर गए मरीजों में से 88% की माैत हाे गई। जिन मरीजाें की माैत हुई, उनमें डायबिटीज के अधिक मरीज वेंटिलेटर पर लिए गए। फिनस्टीन इंस्टीट्यूट फाॅर मेडिकल रिसर्च की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट करीना डैविडसन के मुताबिक, गंभीर बीमारी का काॅकटेल खतरा बढ़ा देता है। इनका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
अस्पताल में भर्ती 5,700 मरीजाें के सर्वे की सचाई
एक से अधिक | 88% |
एक | 6.3% |
एक भी नहीं | 6.1% |
हाइपरटेंशन के मरीज ज्यादा प्रभावित हुए
- हाइपरटेंशन: 53.1%
- माेटापा (बीएमआई 30 से अधिक): 41.7
- माेर्बिड डायबिटीज (बीएमआई 35 से अधिक) : 31.7%
- काेराेनरी आर्टरी डिसीज : 10.4%
- अस्थमा : 8.4%
- हार्ट फैल्याेर : 6.5%
- कैंसर : 5.6%
- सीओपीडी : 5%