- डोनाल्ड ट्रम्प का ट्वीट- जो लोग मुझे और देश के इतिहास को जानते हैं, उनका कहना है कि मैं सबसे मेहनती राष्ट्रपति हूं
- यह भी कहा- साढ़े तीन साल कार्यकाल में मैंने जितना काम किया है, शायद उतना किसी राष्ट्रपति ने नहीं किया होगा
- ट्रम्प ने शनिवार को कोरोनावायरस पर होने वाली ब्रीफिंग को बंद कर दिया, इस पर उन्होंने कहा- मीडिया सही तथ्य नहीं दिखा रहा
दैनिक भास्कर
Apr 27, 2020, 12:26 PM IST
वॉशिंगटन. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प काम को लेकर सवाल उठाने पर अमेरिकी मीडिया पर भड़क गए। उन्होंने रविवार को ट्वीट कर रहा कि मैं सुबह से देर रात तक काम करता हूं, पिछले कई महीनों से मैंने व्हाइट हाउस नहीं छोड़ा। जो लोग मुझे और देश के इतिहास को जानते हैं, उनका कहना है कि मैं सबसे मेहनती राष्ट्रपति हूं। हालांकि, मुझे इस बारे में नहीं पता। लेकिन मैं यह जानता हूं कि मैं मेहनती हूं और इन साढ़े तीन सालों मैंने जितना काम किया है, शायद उतना किसी राष्ट्रपति ने नहीं किया होगा। फेक न्यूज से नफरत करता हूं।
The people that know me and know the history of our Country say that I am the hardest working President in history. I don’t know about that, but I am a hard worker and have probably gotten more done in the first 3 1/2 years than any President in history. The Fake News hates it!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 26, 2020
न्यूयॉर्क टाइम्स ने बीते गुरुवार को एक खबर छापी थी, जिसमें यह बताया था कि ट्रम्प पिछले कई दिनों से ओवल ऑफिस में दोपहर तक ही पहुंचते हैं। वे सुबह और शाम का ज्यादातर वक्त व्हाइट हाउस के अपने बेडरूम में टीवी पर न्यूज देखते हुए बिताते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति इस दौरान फ्रेंच फ्राइज खाते हैं और डाइट कोक पीते हैं। इतना ही नहीं, वे कोरोनावायरस टास्क फोर्स की ब्रीफिंग से पहले होने वाली बैठकों में भी हिस्सा नहीं लेते और मुख्य सहयोगियों द्वारा तैयार की गई दिन की बड़ी बातों को ब्रीफिंग से पहले ही देखते हैं। इसी रिपोर्ट को लेकर ट्रम्प नाराज हैं।
ट्रम्प ने कोरोना पर रोज होने वाली ब्रीफिंग बंद की
इससे पहले, ट्रम्प ने शनिवार को व्हाइट हाउस में कोरोना पर होने वाले डेली ब्रीफिंग भी बंद कर दी। उन्होंने इसे लेकर ट्वीट किया था कि प्रेंस ब्रीफिंग का कोई मतलब नहीं है। पक्षपाती मीडिया शत्रुतापूर्ण सवालों के अलावा कुछ नहीं पूछता। उन्हें इससे रेटिंग मिलती हैं, लेकिन अमेरिकी नागरिकों को फेक न्यूज के अलावा कुछ नहीं मिलता। इससे एक दिन पहले, व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग सिर्फ 20 मिनट में ही खत्म हो गई थी। इस दौरान ट्रम्प ने पत्रकारों के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया था।
कोरोना को लेकर दिए अजीब सुझाव पर ट्रम्प की आलोचना हुई
अमेरिकी राष्ट्रपति पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडिया के निशाने पर हैं। उन्होंने गुरुवार को कोरोना पर हुई ब्रीफिंग के दौरान भी अजीब सुझाव दिया था। मेडिकल एक्सपर्ट ब्रायन और टास्क फोर्स के कॉर्डिनेटर डेबोरा ब्रिक्स जानकारी दे रहे थे कि किस तरह से सूर्य की रोशनी और सैनिटाइजर कोरोनोवायरस को मार सकते हैं। इस पर ट्रम्प ने कहा था कि वे किसी तरह रोगियों को इसका इंजेक्शन दे दें और मरीजों के शरीर में अल्ट्रवॉयलेट लाइट (पराबैंगनी किरणें) पहुंचा दें। इस पर ट्रम्प की आलोचना हुई थी। इसके बाद उन्होंने सफाई में कहा था कि मैंने यह सुझाव तंज कसते हुए दिया था। ट्रम्प के इस सुझाव के बाद कंपनियों ने लोगों से आग्रह किया था कि वे सैनिटाइजर का इंजेक्शन किसी कीमत पर न लगाएं।
अमेरिका में 57 हजार से ज्यादा मौतें
कोरोनावायरस से बुरी तरह प्रभावित अमेरिका में अब तक संक्रमण के 9 लाख 87 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। यहां इस वायरस से 55 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लॉकडाउन की वजह से अमेरिका में करीब 2.6 लोग बेरोजगार हो चुके हैं।