
चाय उत्पादन और प्रसंस्करण विकासशील देशों में लाखों परिवारों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत है.
साल 2015 में भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र संघ (United Nations) से सिफारिश की थी कि 21 मई को ‘अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस’ घोषित किया जाए, जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने 15 दिसंबर 2019 को 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस (International Tea Day) घोषित कर दिया था.
आपको बता दें कि साल 2015 में मिलान में अंतरराष्ट्रीय खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के अंतर सरकारी समूह की बैठक के दौरान भारत ने प्रस्ताव पेश किया था कि हर साल 21 मई को अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाया जाए. संयुक्त राष्ट्र ने इस प्रस्ताव को साल 2019 में स्वीकार करते हुए कहा कि ये दिन चाय के स्थायी उत्पादन और खपत के पक्ष में गतिविधियों को लागू करने और भूख व गरीबी से लड़ने में इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सामूहिक कार्यों को और बढ़ावा देगा.
चाय उत्पादन और प्रसंस्करण विकासशील देशों में लाखों परिवारों के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत है और लाखों गरीब परिवारों के लिए निर्वाह का मुख्य साधन है, जो कम से कम विकसित देशों में रहते हैं. चाय उद्योग कुछ गरीब देशों के लिए आय और निर्यात राजस्व का एक मुख्य स्रोत है और श्रम-गहन क्षेत्र के रूप में, विशेष रूप से दूरस्थ और आर्थिक रूप से वंचित क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करता है. सिर्फ यही नहीं, चाय विकासशील देशों में ग्रामीण विकास, गरीबी में कमी और खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, जो कि सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है.
Tea has many health benefits due to its anti-inflammatory & antioxidant properties.
On Thursday’s first #InternationalTeaDay, find out more about one of the world’s oldest beverages. https://t.co/EfW1b5J6zk pic.twitter.com/d2K1iARvOL
— United Nations (@UN) May 21, 2020
चाय पीने के फायदे
यह सच है कि चाय चाहे ब्लैक टी हो या ग्रीन टी या किसी और फ्लेवर की, सभी चाय में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी कैटेचिन्स और पोलीफेनॉल्स होते हैं जो हमारे शरीर को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं. ग्रीन टी पीने से मूत्राशय, ब्रेस्ट, फेफड़े, पेट, अग्नाशय के लिए एंटीऑक्सीडेंट का काम करती है और कोलोरेक्टल कैंसर के विकास की रोकथाम में फायदा करती है. धमनियों के क्लोग्गिंग रोकने, वसा कम करने में, मस्तिष्क पर ऑक्सीडेटिव तनाव प्रतिक्रिया को कम करने, अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग जैसी मस्तिष्क संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करने, स्ट्रोक का खतरा कम करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर में सुधार में मदद करती है.
काली चाय में सबसे ज्यादा कैफीन सामग्री है. अध्ययनों से पता चला है काली चाय सिगरेट के धुएं के संपर्क की वजह से फेफड़ों को नुकसान से रक्षा करती है. यह स्ट्रोक का खतरा भी कम करती है. प्रदूषण के प्रभाव को करती है कम चाय में एंटीऑक्सीडेंट शामिल होता है. चाय उम्र बढ़ने और प्रदूषण के प्रभाव के प्रकोपों से आपके शरीर की रक्षा करती है. काली चाय में कॉफी के मुकाबले कम कैफीन होती है. इसे पीने से आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण से लड़ने में बहुत मदद मिलती है. सर्दी-जुखाम जैसी आम बीमारियां चाय पीने से एक दम गायब हो जाती हैं.
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.
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First published: May 21, 2020, 2:33 PM IST